ल्यूकोरिया महिलाओं में होने वाली आम शिकायत है। ल्यूकोरिया (श्वेत प्रदर) सदैव किसी बीमारी की वजह से नहीं होता। योनि मार्ग में लैक्टो बेसिलस (Lacto bacillus) नामक तत्व के कारण एक हल्का पारदर्शी पानी सरीखा (Like) गीलापन बना रहता है। लैक्टो बेसिलस (Lacto bacillus) योनि मार्ग के पानी के अम्लता (Acidity) को एक संतुलित स्थिति में बरकरार रखता है। इसी अम्लता की वजह से हानिकारक जीवाणुओं की वृद्धि नहीं हो पाती, पर कुछ स्थितियों में योनि मार्ग में सफेद पानी का आना बढ़ जाता है। इस स्थिति को ल्यूकोरिया (Leucorrhea) आम भाषा में सफेद पानी कहा जाता है।
श्वेत प्रदर का निकलना इन स्थितियों में बढ़ सकता है (Leucorrhoea can increase in these conditions):
- मासिक चक्र (monthly cycle) के पहले |
- दो मासिक चक्र के बीच के दिनों में।
- उत्तेजना (excitement) के समय और इसके बाद।
- Copper-T या Multiloa गर्भनिरोधक (Contraceptive) लगा होने पर।
- गर्भावस्था (Pregnancy) में।
- लड़कियों में मासिक चक्र (monthly cycle) शुरू होने के बाद।
असामान्य स्थिति (Abnormal Condition): जब श्वेत प्रदर अधिक गाढ़ा, मटमैला और लालिमा लिए हुए हो, इसमें चिपचिपा पन और बदबू आती हो, तब यह समझना चाहिए कि ल्यूकोरिया असामान्य स्थिति में पहुंच चुका है। इसके अलावा जलन, खुजली (itching), और चरपराहट (Spiciness) होती है। घाव भी हो सकते हैं। इस स्थिति में तुरंत आयुर्वेदिक स्त्री रोग विशेषज्ञ (Ayurvedic Gynecologist) से परामर्श में ले।
यह भी पढ़ें :-
- पीरियड (मासिक धर्म) सिंड्रोम: लक्षण एवं उपचार (Period (menstrual) syndrome: symptoms and treatment)
- ल्यूकोरिया या श्वेत प्रदर – कारण एवं उपचार (Leucorrhea or Leucorrhoea – Causes and Treatment)
- महिलाओं की आम बीमारी कमर दर्द (Common disease of women back pain)
- दाद (रिंगवॉर्म) के घरेलू उपाय (Home Remedies For Ringworm)
- साइटिका के आयुर्वेदिक उपचार (Sciatica Ayurvedic Treatment)
संक्रमण से बचाव (Infection prevention):
- शारीरिक स्वच्छता (Physical hygiene) का ध्यान रखें।
- सूती अंतावस्त्र (Underwear) पहने।
- मासिक चक्र (monthly cycle) के समय स्वच्छ वस्त्र लाइफ पैड का प्रयोग करें |
- 35 वर्ष की उम्र के बाद हर वर्ष पानी की जांच कराएं |
आयुर्वेद के अनुसार श्वेत प्रदर पित्त वर्धक या पित्त के अधिक बढ़ने के कारण होता है जो महिलाएं ज्यादा फास्ट फूड का सेवन करती है या ज्यादा मिर्च मसाले (Spicy) या तीखा भोजन करती हैं उनमें ल्यूकोरिया (Leucorrhoea) अधिकतर ज्यादा पाया जाता है। इसके अलावा ल्यूकोरिया शारीरिक कमजोरी (Physical weakness) की वजह से है। आयुर्वेद के अनुसार ल्यूकोरिया (Leucorrhoea) में आंवले का प्रयोग बहुत अच्छा माना गया है।
- आंवले में समान भाग में मिश्री मिलाकर सेवन करना चाहिए आमला मिश्री (Amala Mishri) के 2 से 5 ग्राम चूर्ण के सेवन |
- चावल के धोवन या चावल का पानी या चावल के पानी के साथ में जीरा (cumin) और मिश्री का आधा-आधा चम्मच चूर्ण डालकर सेवन करने से लाभ होता है।
- गुलाब के ताजे पांच फूलों को सुबह-शाम मिश्री के साथ खाकर ऊपर से गाय का दूध पीने से प्रदर में लाभ होता है।
इसके अलावा योनि मार्ग में संक्रमण या घाव को दूर करने के लिए त्रिफला (Triphala) को पानी में घोलकर हल्के गुनगुने पानी से योनि को धोने से लुकोरिया या फिर वहां के संक्रमण कम हो जाता है। योनि मार्ग से होने वाले स्त्राव में यदि खून आता हो तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य करना चाहिए और यदि ल्यूकोरिया की समस्या बहुत ज्यादा है तो भी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
Disclaimer –This content only provides general information, including advice. It is not a substitute for qualified medical opinion by any means. Download ‘AAYUSHBHARAT App’ now for more information and consult a Aayush Specialist sitting at home as well as get medicines.
To Get Consultation Download The AAYUSH BHARAT PATIENT APP :
Click Here
Connect with AAYUSH BHARAT ON :
Twitter, Facebook, Instagram, Website, YouTube, Telegram Channel, Blog, LinkedIn, Quora, WhatsApp
0 Comments