बहुत अधिक तनाव अवसाद (Depression) ओर चिंता (Anxiety) का कारण हो सकता है। आयुर्वेद केअनुसार अवसाद तीन प्रकार का होता है–
- वात अवसाद (Gout Depression)
- पित्त अवसाद (Bile Depression)
- कफ अवसाद (Kapha Depression)
- वात अवसाद (Gout Depression) के मुख्य लक्षण भय (Fear), घबराहट (Nervousness), चिंता (Anxiety) एवं अनिद्रा (Insomnia) होते हैं।
- पित्त दोष (Bile Depression) अत्यंत खतरनाक साबित होता है| इसमें गहन निराशा के साथ आत्म हत्या (Suicide) जैसे विचार व्यक्ति को घेर लेते हैं।
- कफ अवसाद (Kapha Depression) में अधिक नींद, भारीपन (Heaviness) एवं सुस्ती (Lethargy) के लक्षण देखे जाते हैं।
अवसाद (Depression) से पीड़ित व्यक्ति में चिंता (Anxiety), बेचैनी (Restlessness), भूख कम या ज़्यादा लगना, वज़न बढ़ना, नींद कम या ज़्यादा आना, क्रोध, सेक्स में अरुचि, आत्महत्या के विचार आना आदि लक्षण दिखाई देते हैं।
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अवसाद का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment Of Depression)–
अवसाद के उपचार में विरेचन (Purgation), नास्यकर्म (Nectar), शिरोधारा (Shirodhara) जैसी विधियों का प्रयोग किया जाता है।
विरेचन (Purgation):-
इस प्रक्रिया में रेचक औषधियों (Purgative Drugs) के माध्यम से शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकाला जाता है, जिससे अवसाद पीड़ित व्यक्ति को आराम मिलता है।
नास्यकर्म (Nectar):-
अनुतेल या पंचगव्य घी (Panchagavya Ghee) की 8-8 बूंदें नाक में 7 दिन तक डाली जाती है, जिससे अवसाद पीड़ित व्यक्ति को आराम मिलता है।
अभ्यंग (Abhyang):-
इस विधि में ओषधीय तेलो से पूरे शरीर की मालिश की जाती है, जिससे चिंता एवं अवसाद में कमी आती है।
शिरोधारा (Shirodhara):-
इस विधि में पेंडुलम गति (Pendulum Speed) से पीड़ित व्यक्ति के माथे पर तेल की धारा प्रवाहित की जाती है, जिससे तनाव में कमी आती है और अनिद्रा एवं अवसाद कम होते हैं।
अवसाद से मुक्ति की आयुर्वेदिक दवा (Ayurvedic Medicine For Relief From Depression):-
अश्वगंधा (Ashwagandha)–
अश्वगंधा इस ऊर्जा दायक जडी बूटी से तनाव और चिंता में कमी आती है। इसका उपयोग चूर्ण के रूप में किया जाता है।
ब्राह्मी (Brahmi):-
Brahmi यह मन को शांत रखने के साथ ही अनिद्रा (Insomnia), घबराहट (Nervousness) एवं चिंता को दूर करने में सहायक है।
जटामांसी (Spikenard):-
यह तनाव रोधी, अवसाद-रोधी (Anti Depressant) होने के कारण चिंता, भय, घबराहट में आराम देती है। इनके अतिरिक्त मुलैठी (Mulethi), वासा (Vasa), गुडूची (Guddchi), कपिकछु शताबरी (Kapikachhu Asparagus) तथा ब्रह्मरसायन (Brahmo Chem) आदि का प्रयोग भी अवसाद से मुक्ति पाने के लिये आयुर्वेद में बताया गया है। Depression से मुक्ति के लिए जडी बूटियों एवं ओषधियो के साथ योग करने से भी विशेष लाभ मिलता है। योग में कपाल भाति (Kapalbhati), अनुलोम विलोम (Anulom Antonyms), सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar) विशेष रूप से लाभदायक होता है। मेडिटेशन अर्थात ध्यान करने से भी चिंता, भय, घबराहट, Depression जैसे रोगों से मुक्ति मिलती है।
अवसाद से मुक्ति के लिए अपनी जीवन शैली में बदलाव भी अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जंक फूड (Junk Food) एवं तली भुनी चीज़ों (Fried Roast) से परहेज़ करें तथा सुपाच्य (Digestible) भोजन लें। शराब एवं धूम्रपान व्यक्ति में Depression को बढ़ाते हैं और साथ ही अन्य जटिल रोगों (Complex Diseases) का मूल कारण बनते हैं। नियमित रूप से स्वछ जल पिने से भी Depression के लक्षणों में कमी आती है।
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