पुरूषों में उनकी इच्छा के बिना सोते या जाग्रत अवस्था मे वीर्य का स्राव धातु रोग या स्वप्नदोष (Nocturnal Emission) कहलाता है।
लक्षण (Symptoms):
- रात को पसीना (sweat) आना।
- अंड कोषों में दर्द होना।
- कमर (Back) के निचले भाग में कमजोरी एवं दर्द रहना।
- पाचन शक्ति (Digestion Power) कमजोर होना।
- आँखों की रौशनी कम होना।
- भूख न लगना।
- अंडकोषों (Testicle) के आस पास पसीना आना।
- हाथों एवं पैरों के तलवों में पसीना आना।
- सहन शक्ति में कमी आना।
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धातु-रोग के कारण (Due to SPERMATORRHEA):-
- तंत्रिका तंत्र की कमजोरी (Nervous system weakness)- तंत्रिका तंत्र (the nervous system) की कमजोरी के कारण भी पुरुषों में धातुरोग (SPERMATORRHEA) होता है।
- आहार में असंतुलन (Dietary imbalance)- आहार में बहुत अधिक तले भुने पदार्थ लेना, पानी कम पीना ,देर तक सोना, अश्लील पत्रिकायें एवं फिल्में देखना आदि धातु रोग के कारण बनते हैं।
- हस्त मैथुन करना (Masturbate)– युवको द्वारा हस्तमैथुन (Masturbate) करना भी धातु रोग का प्रमुख कारण होता है।
धातु रोग का उपचार (Treatment of SPERMATORRHEA):- धातु रोग एक सामान्य समस्या है जिसका उपचार अपने आहार एवं व्यवहार में सुधार लाकर स्वयं भी किया जा सकता है। अपनी जीवन शैली में निम्न बातों का ध्यान रखें :-
- फ़ास्ट फ़ूड से बचें (Avoid fast food)- घर का बना खाना ही खाएं तथा तले भुने पदार्थों का उपयोग न करें।
- पानी पियें (Drink water)- दिन भर में कम से कम 5 लीटर पानी पिएं जिससे शरीर की तासीर (Taseer) ठंडी रहती है। रात को सोने से पहले ठंडे पानी से पैरों को धोयें।
- कब्ज़ से बचें (Avoid constipation)– रात को भोजन अधिक मात्रा में न करें। कब्ज़ (Constipation) होने की स्थिति में त्रिफला (Triphala) चूर्ण का सेवन करें। रात्रि में जल्दी सोएं ओर सुबह जल्दी उठें।
- नशीले पदार्थो का त्याग करें (Abandon Drug Abuse)– धातुरोग के मुक्ति के लिए नशीले पदार्थो का त्याग करें एवं मन को धार्मिक विचारों में लगाएं।
- योगाभ्यास करें(Do yoga)– नियमित रूप से योगाभ्यास धातु रोग से छुटकारा पाने में सहायक सिद्ध होता है। पद्मासन (Padmasana), सुखासन (Sukhasana) एवं की गल एक्सरसाइज से विशेषलाभ होता है।
- आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic remedy)– धातु रोग से मुक्ति आहार व्यवहार में परिवर्तन लाने से ही सम्भव है लेकिन रोग बढ़ जाने की स्थिति में चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha Vati) की 2 गोलियां सुबह शाम ठंडे पानी से लेने पर विशेषलाभ होता है।
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