मलेरिया (Malaria) एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है, जो प्रोटोजोआ परजीवी (Protozoan parasites) द्वारा फैलता है। मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनाफिलीज (Female anaphylase) मच्छर है। इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करके बढ़ने लगते हैं।
लक्षण (Symptoms) :
मलेरिया बुखार होने पर रोगी को बहुत ठंड लगती है। इस बुखार (fever) में रोगी के शरीर का तापमान (Temperature) 101 से 105 डिग्री फॉरेनहाइट तक बना रहता है। साथ ही मलेरिया में रोगी का लीवर बढ़ जाता है। इसके लक्षणों में चक्कर आना, सांस फूलना इत्यादि शामिल है। इसके अलावा सर्दी, उबकाई (nausea), और जुखाम (cold) आदि भी मलेरिया के लक्षण है ।
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उपचार(the treatment) :
मलेरिया से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं। आजकल चिकित्सक मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों के लिए भी एंटीबायोटिक (Antibiotic) के अलावा प्राकृतिक उपचार लेने की सलाह देने लगे हैं। लेकिन, तमाम चिकित्सीय प्रगति के बावजूद अभी तक हम मलेरिया को जड़ से खत्म करने में हम कामयाब नहीं हो पाये हैं। ऐसे में मलेरिया का इलाज कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों से किया जा सकता ।
तुलसी (Basil): कई बीमारियों के इलाज में तुलसी का उपयोग बहुत कारगर है। मलेरिया के उपचार के लिए 10 ग्राम तुलसी (Basil) के पत्ते और 7-8 काली मिर्च को पानी में पीसकर सुबह और शाम लेने से बुखार (fever) ठीक हो जाता है। अनेक गुणों के साथ ही तुलसी मच्छरों को भगाने में भी मददगार साबित होती है।
गिलोय (Giloy): गिलोय ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें सभी प्रकार के बुखार विशेषकर मलेरिया रोगों से लड़ने के गुण होते हैं। गिलोय (Giloy) रस में शहद मिलाकर नियमित सेवन करने से मलेरिया में लाभ होता है। सुबह इसे मसल कर छानकर रोगी को अस्सी ग्राम मात्रा दिन में तीन बार पीने से बुखार दूर हो जाता है।
नीम (Azadirachta indica): नीम का पेड़ वायरस रोधी पेड़ है। मलेरिया मुख्यत: मच्छरों के काटने से होता है। मलेरीया में नीम के तने की छाल का काढ़ा दिन में तीन बार पिलाने से लाभ होता है। इससे बुखार में आराम मिलता है। थोड़े से नीम के हरे पत्ते और चार काली मिर्च एक साथ पीस लें। फिर इसे थोड़े से पानी में मिलाकर उबाल लें। इस पानी को छानकर पीने से लाभ होता है।
अदरक (Ginger): थोड़ी सी अदरक लेकर उसमें 2-3 चम्मच किशमिश (Raisins) डालकर पानी के साथ उबालें। इस पानी थोड़ा ठंडा होने पर इसे दिन में दो बार लें। इससे मलेरिया का बुखार (fever) कम करने में बहुत मदद मिलती है।
मलेरिया में ताजा फल और ताजा के फलों का रस देना बहुत फायदेमंद रहता है। तरल पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए। खासकर नींबू पानी। इसके अलावा, इसके इलाज में हल्का व्यायाम और टहलना भी अच्छा रहता है। लेकिन इन सब के साथ चिकित्सकीय सलाह से दवाईयाँ लेना बहुत जरूरी हैं।
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