तुलसी – एक वरदान

by | Nov 11, 2020 | Ayurvedic herbs and their benefits

तुलसी के पौधे से प्रायः सभी भारतीय परिचित हैं। हिंदू घरों में तुलसी के पौधे को बड़ी आस्था, श्रद्धा, विश्वास और आदर के साथ लगाया जाता है। तुलसी का इंग्लिश नाम Ocimum Sanctum या Holy Basil भी कहते हैं। तुलसी की कई जातियां हैं इसमें रामा तुलसी व श्यामा तुलसी मुख्य हैं। रामा तुलसी के पत्ते कुछ हल्के हरे रंग के होते हैं श्यामा तुलसी के पत्ते नीलाम बैंगनी या परपलिश  रंग के होते हैं। श्यामा तुलसी कफ नाशक(Phlegm exterminator) है।

औषध की खान है (It’s a drug mine)- आयुर्वेद के अनुसार तुलसी कफ और वातहर है। न्यूमोनिया (Pneumonia), फ्लू (The flu) व फेफड़ों में पानी भरना, बुखार (fever), अस्थमा (Asthma), खांसी (cough) जिसमें कफ अधिक बनता है व सांस फूलती है, कफ निकलता है उनमें तुलसी (Basil) के पत्तों का रस शहद के साथ अत्यंत लाभदायक है।

पाचन (Digestion) संस्थान के रोगों में तुलसी अग्नि को बढ़ाती है, भूख न लगना, पेट में कीड़ों का होना इन में तुलसी लाभदायक है।

तुलसी आरोग्य बढ़ाने के साथ-साथ सौंदर्य वर्धन (Beauty enhancement) भी है तुलसी की पत्तियां रक्तशोधक(antiscorbutic, खून को साफ करने वाली) है, रोज तुलसी की पत्तियां चबाकर खाने से रक्त शुद्ध होता है तथा चमकदार बनता है तुलसी की पत्तियों का फेस पैक-मुहासे या तैलीय त्वचा मैं तुलसी की सूखी पत्तियों का चूर्ण या ताजा रस में नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं और सूखने पर धोये। यह त्वचा के छिद्रों को खोलता है, वह काले दागों को हटाता है, तुलसी की पत्तियां व  सूखे आंवला को भिगो कर रात भर रखें सुबह छानकर इस पानी से बालों को धोएं।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता व इम्यूनिटी (Immunity)- तुलसी एंटीवायरल गुण तथा इसके विशेष जैविक तत्व (Organic matter) इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।कोविड-19 के संक्रमण के समय तुलसी जरूर प्रयोग करनी चाहिए। बुखार (fever) होने पर तुलसी पत्ते (2-4) का रस काली मिर्च व शहद के साथ पिए।

बच्चों के रोग (Children’s disease)- तुलसी का रस मुलेठी (Muleti) के साथ चटाने पर बच्चों की खांसी मिटती है। तुलसी का रस व शहद बार-बार होने वाले बुखार (fever), जुखाम, छाती चलना यानी न्यूमोनिया (Pneumonia) में लाभदायक है। बच्चों बड़ों को तुलसी का काढ़ा अवश्य पिलाएं।

काढ़ा बनाने की विधि (Brew recipe)- तुलसी व पुदीने की 10 से 12 पत्तियों को धोकर पीस लें उसमें सोंठ, पिपली (Peepli) मूल, इलायची (Cardamom) एक एक चुटकी, एक चम्मच शक्कर 250 ग्राम पानी डालें आधा या एक चौथाई पानी जल जाने के बाद छानकर पीयें।

तुलसी की एंटी कैंसर प्रभाव (Basil’s anti-cancer effect)- एक शोध या रिसर्च के अनुसार कैंसर में 25 या अधिक का तुलसी के ताजे पत्ते पीसकर पंचामृत के साथ रोगी को पिलाने से कैंसर की वृद्धि रोकी जा सकती है।

जापान की एक शोध के अनुसार तुलसी के पौधा 20 घंटे ऑक्सीजन गैस छोड़ता है वह कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide), कार्बन मोनोऑक्साइड (Carbon monoxide) जैसी गैसों का अवशोषण करता है अतः तुलसी प्रदूषण निवारक भी है।

बुद्धि वर्धक तुलसी (Wisdom basil)- याद शक्ति बढ़ाने के लिए बच्चों को 5 पत्तों का रस तथा किसी फल का रस एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह सुबह खाली पेट चटाये।

यौन रोगों में तुलसी 50 ग्राम तुलसी बीज 60 ग्राम शक्कर का चूर्ण मिलाकर  प्रतिदिन इसमें से 5 ग्राम लेने से धातु की दुर्बलता दूर होती है।

तुलसी की लकड़ी से बने दानों की माला गले में पहनने से शरीर में विद्युत शक्ति का प्रवाह बढ़ता है तथा जीवनी शक्ति बढ़ती है। तुलसी की माला फेरने से आवश्यक एक्यूप्रेशर बिंदु (Acupressure point) पर  प्रेशर होता है जिसके कारण मानसिक तनाव ठीक होता है।

तुलसी का प्रयोग ना करें (Do not use basil)- पित्त प्रकृति वाले गर्मी के रोग वाले शरीर में जलन हो तो,  नकसीर या अर्श के मस्स से खून निकलता हो तो तुलसी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। दूध के साथ तुलसी का सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए। (अपनी प्रकृति के बारे में जानने व तुलसी के प्रयोग से पहले किसी आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।)

प्रसिद्ध वैद्य श्री सुमन ने तुलसी का गुणगान इस प्रकार किया है-

रस में तीखी है और अनु रस में कड़वी है गुण में उष्ण  है,

हलकी और रूखी है, कफ तथा वायु के रोग मिटाने वाली है।

भूख लगाने वाली और पाचन करने वाली है,

बुद्धि बढ़ाने वाली और सात्विकता देने वाली है।

दृष्टि बढ़ाने वाली और ह्रदय के लिए हितकारी है,

सुरभित होने से तुलसी स्वाद  बढ़ाने  वाली है।

प्रदूषण घटाने घटाने वाली व विष्णु  को मनाने वाली है।।

Dr Neha
Compiled By: Dr. Neha Ahuja
(BAMS, NDDY, DNHE)

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