गिलोय – द ग्रेट इम्युनिटी बूस्टर

by | Nov 11, 2020 | Ayurvedic herbs and their benefits

गिलोय का दूसरा नाम अमृता भी है।  गिलोय की उत्पत्ति के बारे में कहते हैं कि जब समुद्र मंथन के समय अमृत कलश निकला था तब अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर गिरी तो अमृता या गिलोय की उत्पत्ति हुई| गिलोय का बोटैनिकल नाम TINOSPORA CORDIFOLIA है।  इसको अमृत वल्ली  या गुडुची अनेक नामों से जाना जाता है। गिलोय के अनेक फायदे हैं, एंटीवायरल (Antiviral), एंटी डायबिटिक (Anti diabetic), एंटीसेप्टिक (Antiseptic), एंटी ऑक्सीडेंट (Anti oxidant) व त्वचा रोगों में भी बहुत लाभकारी है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय त्रिदोष शामक (Tridosha sedative) है। वात, पित्त, कफ तीनों का शमन (Mitigation) करती है व रसायन भी कार्य करती है। इस कोरोना-वायरस के समय जो एक औषधि अमृत या इम्यून बूस्टर (Immune boosters) के रूप में सामने आई है, वह गिलोय ही है। यूनिवर्सिटी ऑफ पुणे की एक रिसर्च के अनुसार मैक्रोफेजेस (Macrophages) या डब्ल्यूबीसी (WBC) या प्लाजमा सेल जो की बॉडी का फर्स्ट डिफेंस सिस्टम है| हमारी शरीर में बैक्टीरिया (Bacteria), वायरस (Virus), फंगी (Fungi) का अटैक होता है, तो हमारे शरीर की रक्त में स्थित श्वेत रक्त कोशिका यानी वाइट ब्लड सेल्स, प्लाज्मा भी कहते हैं, उस वायरस को मारने के लिये लड़ती हैं। उस रिसर्च के अनुसार गिलोय में पाया जाने वाला lysojyme  तत्व इन श्वेत रक्त कणिकाओं की कार्य क्षमता को ज्यादा एक्टिव करता है जिससे यह शरीर  मे प्रवेश करने वाले वायरस, बैक्टीरिया (Bacteria) आदि से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। गिलोय को आयुर्वेद में रसायन की उपाधि दी गई है यह जरा व्याधि का नाश करें वह रसायन है जो कि बुढ़ापे को आने से रोके तथा किसी भी बीमारी को ना होने दें उसे रसायन कहते हैं। जामनगर आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के अनुसार गिलोय का एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है एंटी ऑक्सीडेंट का अर्थ है जो ऑक्सीडेशन को रोकता है। ऑक्सीडेशन वह प्रक्रिया है जिससे बॉडी में फ्री रेडिकल्स (free-radicals) बनते हैं जो कि सेल्यूलर लेवल पर जाकर कैंसर, हार्ट ब्लॉकेज आदि की बीमारियों को करते हैं।  गिलोय औषधि है जो कि ऑक्सीडेशन को रोकती है वह फ्री रेडिकल्स को बनने नहीं देती वह कैंसर हार्ट ब्लॉकेज ऐसे लोगों को रोकती है।

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गिलोय का प्रयोग कैसे करें (How to use Giloy): गिलोय एक प्रकार की बेल है सामान्यतः नीम के पेड़ पर चढ़ने वाली गिलोय सबसे ज्यादा फायदेमंद है गिलोय के कांड यानी मोटी डंडी का जूस या रस या काढ़ा जो कि पानी में उबालकर लिया जाता है या गिलोय घनवटी (Giloy Ghanvati) को भी लिया जा सकता है।

  • गिलोय में एंटी डायबिटिक गुण पाए जाते हैं गिलोय के रस हल्दी का रस के साथ डायबिटीज में बहुत फायदेमंद है।
  • इस कोविड-19 संक्रमण काल में गिलोय केवल रक्षा ही नहीं करेगा बल्कि कोरोना संक्रमित होने पर भी गिलोय का सेवन जल्दी रिकवरी में भी सहायता करता है अतः अपने व परिवार के सदस्यों को कोरोनावायरस (Coronavirus)  से रोकने के लिए आवश्यक है कि घर-घर गिलोय लगाएं व गिलोय का सेवन करें।
  • बच्चों को गिलोय का चूर्ण शहद में दे सकते हैं। जिन बच्चों को बार बार बुखार उनको अमृतारिष्ट या गिलोय का सीरप भी दिया जा सकता है।
  • गिलोय का त्वचा रोगों में भी बहुत उपयोग है। पस वाली फुंसियों (Pimps) में गिलोय नीम के रस के साथ बहुत लाभकारी है।
  • मूत्र रोगों में गिलोय और आंवला (Gooseberry) जूस मूत्र मार्ग की जलन को हटाता है वह स्त्रियों में श्वेत प्रदर (Leucorrhoea) को रोकता है।

Dr Neha
Compiled By: Dr. Neha Ahuja
(BAMS, NDDY, DNHE)

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