हर साल 12 फरवरी को, “यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता”(“Sexual and reproductive health awareness”) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य यौन और प्रजनन से जुडी शारीरिक परेशानियों के बारे में बताना है WHO के मुताबिक SRH ( Sexual and Reproductive Health) का दायरा शारीरिक, भावनात्मक (Emotional), मानसिक (Mental) और सामाजिक (Social) मजबूती से जुड़ा है| भारत सरकार के “National Health Portal” के मुताबिक यौन और प्रजनन की सारी सूचनाओं के बारे में लोगों को पता होना चाहिए| जैसे गर्भनिरोधक (Contraceptive) प्रणाली को कैसे अपनाएं, यौन संचारित संक्रमण (HIV / AIDS), अनचाहे गर्भ (Unwanted pregnancy) और असुरक्षित गर्भपात (Unsafe abortion) से कैसे बचें| महिलाओं तक स्वास्थ सेवा की पहोच होनी चाहिए, जब वे बच्चे पैदा करने का निरदय लेती हैं तब उन्हें स्वस्थ गर्भावस्था (Healthy pregnancy), सुरक्षित प्रसव (Safe delivery) और स्वस्थ शिशु के लिए सेवाएं मिलनी चाहिए| SRH दिवस इसलिए भी मनाया जाता है ताकि महिलाओं को इस बात का पता चल सके कि वह माँ बनने के लायक हैं या नहीं| उन्हें यह जानकारी होनी चाहिए कि क्या वह शारीरिक रूप से स्वस्थ हैं कि एक बच्चे को जन्म दे सके इस जागरुकता से महिलाओं को स्वस्थ गर्भावस्था, सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ बच्चे के होने में आसानी होगी|
भारत में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जागरूकता “Sexual and reproductive health awareness” दिवस को जानने के लिए यहाँ की औरतों के यौन सेहत के बारे में समझना जरुरी है| इसके लिए भारत सरकार के कुछ डाटा को जानना जरुरी है–
- साल 2006 के डेटा के अनुसार, 15 से 19 साल की उम्र की 28 प्रतिशत लड़कियों के कभी न कभी यौन सम्बन्ध रहे थे।
- 31 प्रतिशत लड़कियों की इसी आयु वर्ग में 15-19 साल की उम्र में शादी हो गयी थी।
- इनमे से 28 प्रतिशत ने अपने जीवन साथी के साथ योन सम्बन्ध बनाये थे और 3 प्रतिशत औरतें किन्हीं कारणों से अपने पति के साथ नही रह रही थी|
- लगभग 13 प्रतिशत औरतों ने गर्भ निरोधक (Contraceptive) दवाओं का इस्तेमाल किया, 27 प्रतिशत महिलाओं ने 2 साल तक गर्भ धारण (Conceive) नहीं करना चाहा
- इससे हमें यह पता चलता है कि शहर और गांव दोनों में औरतों को योन से सम्बंधित ज्ञान कितना कम है, और इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
- अध्ययन के अनुसार, जब औरतों में जरुरी सेवाओं और ज्ञान की कमी होती है तोह अनचाहे गर्भधारण (Unwanted pregnancies) का खतरा बढ़ जाता है. डाटा के हिसाब से देखा जाये तो गर्भावस्था के ज्यादातर मामले अनचाही प्रेगनेंसी के कारण होते हैं|
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आगे जाके इनमे से 50 प्रतिशत से भी ज्यादा मामले गर्भपात (Abortion) का कारण बनते हैं और अगर गर्भपात सुरक्षित रूप से न हो तो इससे औरतों के जीवन और स्वस्थ्य पर जोखिम हो जाता है हालांकि कुछ उपायों को अपना कर असुरक्षित गर्भपात (Unsafe abortion) को मिटाया जा सकता है| इसके लिए हमें सेक्स और इससे सम्बंधित स्वस्थ्य की पूरी जानकारी को सही ढंग से महिलाओं तक पहुँचाना जरुरी है|
विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं में इस विषय से सम्बंधित बहुत कम ज्ञान है, इससे योन संभंधो क वक़्त बहुत सी परेशानीओं का जोखिम हो सकता है जैसे –
- असुरक्षित यौन से SDT (यौन संचारित बीमारियां)
- Cervical Cancer
- Infertility (बांझपन)
- मासिक धर्म (Menstrual) से जुड़ी दिक्कतें
प्रजनन और यौन के बारे में पता होने से गर्भावस्था और प्रसव के समय जो भी मुश्किलें आती हैं उससे होने वाली मृत्यु दर और विकलांगता (Disability) के हादसे भी कम होंगे |
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