दाद को चिकित्सकीय भाषा में टिनीया (Tinea) कहते हैं। यह एक परतदार त्वचा पर गोल और लाल चकत्ते (Rashes) के रूप में दिखाई देता है। यह एक प्रकार के फंगस के कारण फेलता है। इसमें खुजली एवं जलन होते हैं। जिसके कारण त्वचा लाल, रूखी तथा दरदरी हो जाती है। इसका आकार गोल होता है इसलिये इसे रींग वार्म (Ring warm) कहा जाता है। यह बड़ी ही आसानी से संक्रमित व्यक्ति की चीजें या कपड़े उपयोग करने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। दाद मुख्यत: नाखूनों (Fingernails), उँगलियों (Fingered), बालों (Hair), पैर की उँगलियों के बीच (Between the toes), पैट या जाँघो (Thighs) के बीच हो सकता है। अत्यधिक मीठा, नमकीन, बासी भोजन, दूषित आहार और साफ-सफाई की कमी के कारण कफ और कफ दोष (Kapha Dosha) के असंतुलन के कारण यह रोग हो सकता है।
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घरेलू उपायों (Home remedies) के द्वारा दाद को पूरी तरह सो मिटाया जा सकता है।
- लहसुन में अजोइना (Ajoina) नाम एक प्राकृतिक एंटी फंगल एजेंट (Anti–fungal agent) होता है जो फंगल संक्रमण (Fungal Infection) को ठीक करने में मदद करता है। लहसुन को प्रभावित क्षेत्र पर रखे और उसके चारों ओर एक पट्टी लपेट लें और रात भर के लिए इसे छोड़ दें।
- हल्दी (Turmeric) और पानी को मिलाकर अच्छी प्रकार पेस्ट बना लें और रूई की सहायता से इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएँ। यहफंगल संक्रमण (Fungal Infection) का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करता है।
- सेब के सिरके को रूई की सहायता से दाद वाली जगह पर दिन में तीन चार बार लगाएं। यह दाद की अचूक दवा (Surefire medicine) है।
- एलोवेरा (Aloe-vera) को प्रभावित त्वचा पर सीधे लगाएं और रात भर के लिए छोड़ दें। यह त्वचा की स्वस्थ करने के लिए कईं पोषक तत्व और मिनरल प्रदान करता है।
- राई के बीज (Rye seeds) को बारीक पीसकर नारियल तेल के साथ पेस्ट बना लें। इसे दाद वाली जगह पर लगाएं।
- दाद की शुरुआत में ही घरेलू उपचारों द्वारा इलाज करना चाहिए, लेकिन यदि आराम न मिले या दाद बढ़ रहा हो तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए।
- विटामिन-ई से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें। इसकी मदद से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) मजबूत होती है जिसकी मदद से शरीर ल्यूकोसाइट्स (Leukocytes) का उत्पादन करता है तथा फंगस को नष्ट करने में मदद करता है। विटामिन-ई के लिए जैतून का तेल (Olive oil), सूरजमुखी का तेल (sunflower oil), अखरोट (Walnut), मसूर की दाल (Masur lentils), बादाम (Almond), तिल (Mole) आदि का सेवन करें।
- इसके साथ साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, संक्रमित व्यक्ति द्वारा प्रयोग किए गए कपड़े, वस्तुएँ आदि का प्रयोग नहीं करे, ऐसे पालतु जानवरों से भी दूर रहना चाहिए जो संक्रमित होते हैं।
- अत्यधिक नमकीन एवं मीठे खाद्य पदार्थ, गुड़, चॉकलेट, सोडा युक्त पेय पदार्थ, अत्यधिक तला-भुना एवं मिर्च मसालेदार भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- करेले के पत्ते (Bitter gourd leaves) का रस और गुलाबजल मिलाकर लगाएं। इससे दाद खाज खुजली में तुरंत फायदा होता है।
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