धातुरोग (SPERMATORRHEA) के लक्षण एवं आयुर्वेदिक उपचार

by | Nov 13, 2020 | Health Tips & Treatments, Sexual Awareness & Sexual Health

पुरूषों में उनकी इच्छा के बिना सोते या जाग्रत अवस्था मे वीर्य का स्राव धातु रोग या स्वप्नदोष (Nocturnal Emission) कहलाता है।

लक्षण (Symptoms):

  1. रात को पसीना (sweat) आना।
  2. अंड कोषों में दर्द होना।
  3. कमर (Back) के निचले भाग में कमजोरी एवं दर्द रहना।
  4. पाचन शक्ति (Digestion Power) कमजोर होना।
  5. आँखों की रौशनी कम होना।
  6. भूख न लगना।
  7. अंडकोषों (Testicle) के आस पास पसीना आना।
  8. हाथों एवं पैरों के तलवों में पसीना आना।
  9. सहन शक्ति में कमी आना।


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धातु-रोग के कारण (Due to SPERMATORRHEA):-

  1. तंत्रिका तंत्र की कमजोरी (Nervous system weakness)- तंत्रिका तंत्र (the nervous system) की कमजोरी के कारण भी पुरुषों में धातुरोग (SPERMATORRHEA) होता है।
  2. आहार में असंतुलन (Dietary imbalance)- आहार में बहुत अधिक तले भुने पदार्थ लेना, पानी कम पीना ,देर तक सोना, अश्लील पत्रिकायें एवं फिल्में देखना आदि धातु रोग के कारण बनते हैं।
  3. हस्त मैथुन करना (Masturbate)– युवको द्वारा हस्तमैथुन (Masturbate) करना भी धातु रोग का प्रमुख कारण होता है।

धातु रोग का उपचार (Treatment of SPERMATORRHEA):- धातु रोग एक सामान्य समस्या है जिसका उपचार अपने आहार एवं व्यवहार में सुधार लाकर स्वयं भी किया जा सकता है। अपनी जीवन शैली में निम्न बातों का ध्यान रखें :-

  1. फ़ास्ट फ़ूड से बचें (Avoid fast food)- घर का बना खाना ही खाएं तथा तले भुने पदार्थों का उपयोग न करें।
  2. पानी पियें (Drink water)- दिन भर में कम से कम 5 लीटर पानी पिएं जिससे शरीर की तासीर (Taseer) ठंडी रहती है। रात को सोने से पहले ठंडे पानी से पैरों को धोयें।
  3. कब्ज़ से बचें (Avoid constipation)– रात को भोजन अधिक मात्रा में न करें। कब्ज़ (Constipation) होने की स्थिति में त्रिफला (Triphala) चूर्ण का सेवन करें। रात्रि में जल्दी सोएं ओर सुबह जल्दी उठें।
  4. नशीले पदार्थो का त्याग करें (Abandon Drug Abuse)– धातुरोग के मुक्ति के लिए नशीले पदार्थो का त्याग करें एवं मन को धार्मिक विचारों में लगाएं।
  5. योगाभ्यास करें(Do yoga)– नियमित रूप से योगाभ्यास धातु रोग से छुटकारा पाने में सहायक सिद्ध होता है। पद्मासन (Padmasana), सुखासन (Sukhasana) एवं की गल एक्सरसाइज से विशेषलाभ होता है।
  6. आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic remedy)– धातु रोग से मुक्ति आहार व्यवहार में परिवर्तन लाने से ही सम्भव है लेकिन रोग बढ़ जाने की स्थिति में चंद्रप्रभा वटी (Chandraprabha Vati) की 2 गोलियां सुबह शाम ठंडे पानी से लेने पर विशेषलाभ होता है।

Compiled By:
Dr. Tanuj Veerbhan

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