हम सभी चाहते हैं कि हमारे जीवन में जो संतान की उत्पत्ति हो वह उत्तम हो इसके लिए यह भी आवश्यकता है कि जिस बीज यानी कि अंडा व शुक्राणु (Sperm) के सहयोग से जो बालक उत्पन्न हो वह उत्तम स्वास्थ्य से युक्त हो,गुणों से युक्त हो|
इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम गर्भधारण (Conception) से पहले इस प्रकार की औषधियां (Drugs) या लाइफस्टाइल का सेवन करें जिससे कि माता व पिता के उत्तम गुणों से युक्त दिव्य संतान (Divine child) की प्राप्ति हो।
मॉडर्न लाइफस्टाइल में देखा गया है कि लोग अधिकतर केमिकल युक्त भोजन करने से या unhealthy लाइफस्टाइल जीने से नि:संतानता (Childlessness) कि समस्या हो जाती है।
निसंतानता (Childlessness) दोनों तरीके से हो सकती है महिला व पुरुष की-
महीला में नि :संतानता के कई कारण हैं ,माहवारी (Menstruation) का ठीक से ना होना, महावारी का ज्यादा होना, बार बार गर्भपात होना, पीसीओडी, हार्मोनल इंबैलेंस,
पुरुषों में निसंतानता के भी अनेक कारण हैं, वीर्य की मात्रा का कम होना, शुक्राणु (sperm) की संख्या कम होना जाना, अच्छी क्वालिटी का नहीं होना या बिल्कुल नहीं होना आदि।
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आयुर्वेद में अनेक ऐसी herbs या औषधियां है जिनका प्रयोग घर पर ही कर कर अंडे व शुक्राणु की क्वालिटी को बढ़ाया जाता है|
(There are many such herbs or medicines in Ayurveda which are used at home to increase the quality of eggs and sperm)
- अजवाइन (Celery): अजवाइन एक सिंपल सा मसाला भारत में होता है जो कि भारतीय हर व्यंजन में जिसका उपयोग होता है| अजवाइन स्वभाव में उष्ण (hot) व गर्म होती है। इससे uterus cleaner भी कहा जाता है। जिन महिलाओं को माहवारी (Menstruation) समय पर नहीं आती, आती भी है तो बहुत कम आती है, उनमें अजवाइन का प्रयोग पुराने गुड़ और हल्का सा पानी मिलाकर इसकों उबालकर सुबह-शाम पीना चाहिए, इससे यूटरस (Uterus) का शोधन होता है। और रक्तस्राव ठीक तरीके से होता है पुरुष निसंतानता में शुक्र दुर्बलता की स्थिति में भी अजवाइन का चूर्ण एक चम्मच सुबह-शाम सेवन करें।
- हल्दी (Turmeric): 4000 साल से हल्दी आयुर्वेद में औषधियों के रूप में प्रयोग की जाती है| हल्दी पीसीओडी (PCOD) या जिन महिलाओं में अंडा ठीक से नहीं बनता है उनमें उपयोगी है| यह हारमोनल इमबैलेंस (Hormonal imbalance) को भी ठीक करती है| हल्दी का उपयोग गोल्डन मिल्क के रूप में कर सकते हैं| गोल्डन मिल्क एक चम्मच हल्दी एक गिलास दूध उबाल कर रात को पिए।
- दालचीनी (Cinnamon): पीसीओडी के लिए दालचीनी उत्तम दवा के रूप में है। यह ब्लड शुगर (Blood sugar) को रेगुलएट करता है| जिन महिला व पुरुषों का वजन ज्यादा है उन्हें एक चौथाई चम्मच दालचीनी पाउडर प्रातः काल खाली पेट लेना चाहिए या इसे सलाद, सब्जी आदि पर डालकर भी खा सकते हैं।
- ग्रीन टी (Green tea): प्राय देखा गया है कि आजकल ज्यादा चाय या कॉफी के सेवन से उसमें जो caffeine होता है इनफर्टिलिटी (Infertility) का एक कारण भी माना है। ग्रीन टी को चाय या कॉफी की जगह प्रयोग करना चाहिए| ग्रीन टी के प्रयोग से बॉडी में एंटी ऑक्सीडेंट (Anti oxidant) बढ़ते हैं, ग्रीन टी विटामिन बी व फोलिक एसिड का एक अच्छा स्रोत होने के कारण अनेक महिलाओं में इससे इनफर्टिलिटी (Infertility) को दूर होते हुए देखा गया है।
- कमल की जड़ (Lotus root): स्त्रियों को गर्भ गिरने की शिकायत रहती है या गर्भधारण हो जाने पर अबॉर्शन हो जाता है उनको कमल की डंडी व नाग-केसर को पीसकर दूध के साथ पिलाने से दूसरे महीने महीने में होने वाला अबॉर्शन (Abortion) रुक जाता है। कमल की डंडी (Lotus root) बाजार में आमतौर पर भेह या लोटस स्टेम के नाम से बिकती है।
- शतावरी (Asparagus): शतावरी को महिलाओं की सबसे अच्छी मित्र कहा है| आयुर्वेदिक सभी दवाओं में जो भी बंधयात्व (Infertility) के लिए उपयोगी है उनमें शतावरी मुख्य रूप से पाया जाता है| शतावरी (Asparagus) ओवुलेशन को ठीक करता है| एस्ट्रोजन (Estrogen) के लेवल को नार्मल करता है और गर्भ के इंप्लांटेशन में सहायक है।
- अश्वगंधा (Ashwagandha): पुरुषों बंधयात्व के लिए उत्तम औषधि अश्वगंधा (Ashwagandha) है। जिन पुरुषों में स्पर्म (Sperm) की संख्या कम होती है अश्वगंधा उनमें रसायन का काम करती है। 5 ग्राम अश्वगंधा (Ashwagandha) का सेवन 3 महीने तक करने पर एक रिसर्च में साबित हुआ है कि वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या की वृद्धि होती है और उनकी मोटिलिटी (Motility) भी बढ़ती है।
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