शुक्राणु की कमी की आयुर्वेदिक दवा, इलाज और उपचार

by | Nov 19, 2020 | Sexual Awareness & Sexual Health

वीर्य मे शुक्राणुओ (Sperm) का स्तर 20 मि.ली. से कम होने का मतलब है पुरूषों मे स्पर्म काउंट का कम होना। यह एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है। अनुचित आहार और जीवन शैली की वजह से पुरूषों मे शुक्राणुओ (Sperm) की कमी होने लगती हैं।

शुक्राणु की कमी का आयुर्वेदिक जडी बूटी औषधि (Ayurvedic herbal medicine for sperm deficiency):

गोक्षुरा (Gokshura):

यह प्रजनन तंत्रिका श्वसन और मूत्र प्रणाली पर कार्य करती है। इसमे मूत्रवर्धक (Diuretic), दर्द-निवारक (Painkiller), ऊर्जा-यक (Energy) और कामोंत्तेजक (Erotic) गुण होते हैं। ये यौन रोग और नपुंसकता (Impotence) के इलाज के लिए भी उपयोगी हैं, ये ब्यूटी नागज़िग हार्मोन (Beauty Nagging Hormone) एवं गोना अट्रोपिन रिलीजिंग हार्मोन (Gona Atropine Releasing Hormone) के स्तर को बढाकर टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) लेवल को बेहतर करती है। यह शुक्राणुओ के उत्पादन मे मदद करती हैं।

अश्वगंधा (Ashwagandha):

अश्वगंधा प्रजनन तन्त्रिका (Reproductive Nerve) और श्वसन प्रणाली (Respiratory System) पर कार्य करती हैं। इसमे अनेक जैव सक्रिय तत्त्व होते है जो अश्वगंधा को, नपुंसकता (Impotence), त्वचा रोगो, आर्थराइटिस (Arthritis), अनिद्रा (Insomnia) और प्रतिरक्षा तंत्र (Immune System) से सम्बंधित समस्याओं को नियन्त्रित करने मे उपयोगी बनाते है। अश्वगंधा से शुक्राणु बनने लगते है।

कपि कच्छू (Velvet bean):

तंत्रिका और प्रजनन प्रणाली पर कार्य करती हैं। इसमे कामेच्छा (Libido) बढाने वाले क्रत्रिम उत्तको को सकुचित करने वाले ऊर्जा दायक गुण होते है ये नपुंसकता के इलाज मे उपयोगी हैं।

शताबरी (Shatabari):

शताबरी शरीर की सभी प्रणालियों पर कार्य करती हैं। इस जडी बूटी को इम्युनिटी (Immunity) बढाने वाले गुणों के लिए भी जाना जाता हैं। यह नपुंसकता (Impotence), बाझंपन (Infertility) और खासतोर पर महिलाओं मे यौंन दुर्बलता को नियंत्रित करने मे मदद करती है। यह वीर्य के उत्पादन को बढाने का काम करती हैं।


यह भी पढ़ें :

  1. शीघ्रपतन की आयुर्वेदिक दवा एवं उपचार (Ayurvedic medicine and treatment of premature ejaculation)
  2. सेक्स की लत के कारण एवं उपचार (Causes and treatment of sex addiction)
  3. महिलाओं की ये समस्या बनाती है सेक्स को दर्दनाक (This problem of women makes sex painful)
  4. रेगुलर सेक्स के फायदे (Benefits of regular sex)
  5. सेक्स के तुरंत बाद करने चाहिए ये काम (This should be done immediately after sex)
शुक्राणु

शिलाजीत (Shilajit):

शिलाजीत (Shilajit) यह यौन कमजोरी को दूर कर पुरूषों मे प्रजनन क्षमता (Fertility) मे सुधार लाने में उपयोगी हैं।

श्वेतमूसली (Whitetail):

कामोतेजक गुणों से युक्त सफेद मूसली एक प्रसिद्ध जडी बुटी है। यह पुरुषों मे नपुंसकता (Impotence) और शुक्राणुओ की सख्यां मे कमी को भी दूर करने मे मदद करती हैं।

आमलकी (Amalaki):

आवला मे कामोतेजक, रेचक ऊर्जा दायक पोषक (Laxative Energy Supplement Nutrient), ब्लीडिंग रोकने वाले और ऊतकों को संकुचित (Shrink) करने वाले गुण होते है।

माषादि वटी (Mashaadi Vati): माषादिवटी शुक्राणुओ मे कमी के लिए जिम्मेदार वात और पित्त दोष को साफ करती हैं सीधे शुक्रधातु (Spermatozoa) पर कार्य करती है और शुक्राणु की सख्यां को बढाती है। इस प्रकार यह पुरूषों मे नपुंसकता (Impotence) का इलाज करती हैं।

शुक्राणु की कमी का आयुर्वेदिक इलाज या उपचार (Ayurvedic treatment of sperm deficiency):

स्नेहन (Lubrication):

इस चिकित्सा मे पूरे शरीर या प्रभावित हिस्से पर औषधिय तेलो को लगाया जाता है स्नेहन की मदद से विभिन्न ऊतकों मे जमा विषाक्त पदार्थ तरल मे बदल कर|पाचन मार्ग मे आ जाते है यह विषाक्त पदार्थ को आसानी से शरीर से बाहर निकाल देती है।

विरेचन (Purgation):

इस विधि में जड़ी बूटियों द्वारा मल का निष्कासन (Expulsion) करवाया जाता है इसमें सेन्ना (Senna) ओर एलोविरा (Aloe-vera) जड़ी बूटियों को कम में लिया जाता है। विरेचन को योन विकारो के उपचार के लिए प्रभावी चिकित्सा माना जाता है।

बस्ती (Enema)-

यह आयुर्वेदिक एनिमा चिकित्सा है जिसमे जड़ी बूटियों ओर उनके मिश्रणों से सम्पूर्ण आंत मलाशय की सफाई की जाती है। शुक्राणु को बढाने एवं पुरुषों मे नपुंसकता (Impotence) के इलाज मे बस्ती कर्म प्रभावी चिकित्सा हैं।

आयुर्वेद के अनुसार स्पर्म काउंट की कमी होने पर क्या करे और क्या करे (According to Ayurveda, what to do and what not to do in the absence of sperm count):

क्या करें (What to do):

  • काला नमक, घी और आमलकी को अपने आहार मे शामिल करें।
  • नियमित व्यायाम करें।

क्या न करे (What not to do):

  • प्राकृतिक इच्छाओं जैसे प्यास भूख, मल त्याग और पेशाब आदि को न रोके।
  • अत्यधिक भोजन्व्यायाम करने से बचें।
  • चिंता,डर और गुस्सा न करे।

 

 

Compiled By:
Dr. Tanuj Veerbhan

 

Disclaimer –This content only provides general information, including advice. It is not a substitute for qualified medical opinion by any means. Download ‘AAYUSHBHARAT App’ now for more information and consult a Aayush Specialist sitting at home as well as get medicines.

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

To Get Consultation Download The AAYUSH BHARAT PATIENT APP :
Click Here

Connect with AAYUSH BHARAT ON :
Twitter, Facebook, Instagram, Website, YouTube, Telegram Channel, Blog, LinkedIn, Quora, WhatsApp

0 Comments

Submit a Comment

Your email address will not be published.